22-03-20

22-03-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 14-12-85 मधुबन “ वर्तमान की यह जीवन ही भविष्य का दर्पण ” (मधुबन निवासियों के साथ) आज विश्व रचयिता बाप अपने मास्टर रचयिता बच्चों को देख रहे हैं। मास्टर रचयिता अपने रचता-पन की स्मृति में कहाँ तक स्थित रहते हैं। आप सभी रचयिता की विशेष पहली रचना यह देह है। इस देह रूपी रचना के रचयिता कहाँ तक … Continue reading 22-03-20